तोरणा किला

मराठा साम्राज्य का केंद्र बनेवाला पहला किला तोरणा किला

तोरणा किला प्रचंडगड के नाम से भी जाना जाता है। तोरणा किला एक प्रचंड़ (बडे) स्थित किला है। यह किला पुणे जिले में भारत की राज्य महाराष्ट्र मे है।
यह1643 मे छत्रपति शिवाजी द्वारा 16 वर्ष की आयु में मराठा साम्राज्य के नाभिक का निर्माण करनेवाला पहला किला था। पहाडी की समुद्र तल से ऊँचाई 1403 मीटर पहाड़ी किला है।

किले का एक लंबा इतिहास रहा है।  यह मुस्लिम साम्राज्य के प्रभुत्व में आ गया। लेकिन तोरण को अपना महत्व तब मिला जब 1646 में शिवाजी महाराज ने आदिलशाह पर कब्जा कर लिया। तोरणा पहला शिवाजी महाराज द्वारा कब्जा लिया गया किला था। जब शिवाजी महाराज ने तोरणा किला जीता, तो उन्हें सोने से भरे 22 बर्तन मिले, जो बाद में उन्होंने राजगढ़ किले के  निर्माण को किया गया।
इस किले के बारे में इतिहास में कई बातें लिखी गई हैं। मुझे आपके साथ एक और रोचक तथ्य साझा करते हैं
जब औरंगज़ेब मराठाओं को हराने के लिए महाराष्ट्र आया था, तोरणा एकमात्र किला था जिसे औरंगज़ेब ने एक वास्तविक लड़ाई लड़कर पकड़ा और उसने सरल शब्दों में किले का नाम बदलकर 'फुतुलगीब' रख दिया जिसका अर्थ है "द डिवाइन विक्टरी"।लेकिन उसके चार साल बाद सरनोबत नागोजी ने चढाई कर इस किले को फिर से मराठा के कब्जो मे लिया।

बिनी प्रवेशद्वार
किले का मुख्य प्रवेशद्वार बिनी दरवाजा है।यह एक मुख्य आकर्षण प्रवेशद्वार है।इस किले को हनुमान बसियन कोठी दरवाजा के पूर्वी हिस्से में हनुमान गढ़ नामक एक मजबूत गढ़ है। बिनी दरवाजा की सडक आपको कोठी दरवाज़ा के पास ले जाएगी।

किले के प्रवेश द्वार के पास इक नेगणाई देवी मंदिर है।जिसे तुरनाजी मन्दिर भी कहा जाता है।
किले के बिनी दरवाजा हनुमान बंसीयत कोठी दरवाजा बुदलमाची भेल गढ़ आकर्षन चीजे है।inhistoric1shivaji mharaj torna kila
जय शिवराय

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