कोरोना वायरस: इंसानियत पर भारी चीन की बीमार मानसिकता

करॉना बियर के ब्रांड या सॉफ्टवेयर,या सूरज के प्लाज़्मा के त्वर पर सुना था।लेकिन अब करॉना वायरस के त्वर पर चर्चा मे है। वायरस जो चीन से शुरू होकर दुनिया के कई देशों मैं फैल रहा हैं।सरकार के चेतावनी पर लोगो की जाँच हो रही है।
कहा से फैलाना शुरू हुआ करॉना वायरस?(corona vairus)

करॉना वायरस इंसानो मे फ़ेलने को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जहां सकता हैं।लेकिन इसे लेकर अलग-अलग दावे किये जा रहे हैं।अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट मे दावा किया जा रहा है की २०१९ की आखरी महीनों मैं चीन के गुहान शहर मासाहारी मार्केट से करॉना वायरस आया। यहा बेचे गए जंगली जानवरों के शरीर मे वायरस था।जो मासाहारी खानेवालो तक पहुँच गया।शुरुआत के अनुसंधान मे पाया गया के करॉना वायरस इंसानों मे फैल गया।दूसरी ओर चीन की सरकारी चिकित्सा सलाकार जॉन नंनचान ने चूहों के जरिए वायरस फैलने की आशंका जताई है।चीन के नवीनतम अनुसंधान (रिसर्च) मे पाया गया कि यह वायरस चमकदार से सापो ओर फिर सापो से इंनसानो में फैला है। चीन की राजधानी पेइचिंग मेचिकित्सा के सामान्य वायरलॉजी मे प्रकाशित हुई वैद्यनिको के इस अध्ययन मे पाया गया।करॉना वायरस एक तरह का संक्रमण एजेंट होता हैं।ईसे कीटानो के त्वर पर भी समझ सकते हो।
चीन से गुहान शहर से फैलाना शुरु हुआ अब चीन के पड़ोसी देश सिंगपुर होते हुए व्यातनाम तक पहुंच गया है।२४जनवरी दुपेहर १२बजे तक चीन में मरने वालों की संख्या२५ हो चुकी हैं ओर८३०लोग इसे पीड़ित बताया जाता हैं।इस वायरस से मरने वाले शक़्स की उम्र८९ सालों का था ओर कम उम्र का शक़्स ३८साल का हैं।वही भारत से लेकर सऊदी अरब तक चेतावनी पर है।थायलैंड,सिंगापुर ताइवान,जापान, साउथ कोरिया, इंग्लैंड,अमेरिका मे करॉना वायरस से पीड़ितो के पहचान हो रहीं है।
इंग्लैंड के मेडिकल विशेषज्ञ का मना है की वहाँ पहले से करॉना वायरस मौजूद था।चीन के स्वस्थ अधिकारो को डर है कि शनिवार को जब चाइनीज न्यू ईयर की छुट्टीया शुरू हो जाएगी तब वायरस ओर फैल सकता हैं।तब चीन के लोग कि छुट्टीया बिताने देश के अंदर ओर बहार यात्रा को निकलेगे

चीन करॉना वायरस को लेकर क्या कर रहा है?

चीन प्रशासन ने२३जानेवारी से शाम से हुबई प्रांत के पाँच शहरों गुहान हुगान, एझावो,झिझीयॉन ओर किवझीयॉन मे सार्वजनिक परिवहन रोक दिए है।इसे करोड़ो लोगों की गतिविधियों समित हो गईं हैं।गुहान का रेल्वे स्टेशन औऱ हवाई अड्डा बंद किया गया है।सड़क और शॉपिंग मॉल खाने के दुकान समेत तमाम सार्वजनिक स्थान बंद किये गये है।सड़के बंद नही है पर पुलिस हर गाड़ी की जाँच कर रहे है।
तब इस वायरस की भयावहता का दुनिया को अहसास हुआ लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता जो निमोनिया का रूप ले सकता है। इससे गुर्दे से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यह वायरस संक्रमित व्‍यक्ति के दूसरे से संपर्क में आने पर तेज फैलता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका समुद्री भोजन से बचना है। इससे बचाव को लेकर फिलाहाल कोई वैक्सीन नहीं है। साफ-सफाई पर अहम ध्यान जरूरी है जिसमें खाने से पहले हाथों को साबुन से धोना बहुत जरूरी है।


तिब्बत को छोड़कर चीन के सभी प्रांतों से कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा थाइलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, वियतनाम, सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका में भी कोरोना वायरस के संदिग्ध मिले हैं। जबकि जर्मनी और कनाडा में पहले ही पुष्टि हो चुकी है। भारत के कई शहरों में संदिग्ध मरीज मिले हैं, कोलकता में भर्ती थाईलैण्ड की युवती की मंगलवार देर रात हुई मौत के बाद भारत में भी दहशत स्वाभाविक है। उप्र, बिहार, राजस्थान, हैदराबाद, कर्नाटक, गोवा समेत कई राज्यों में इसको लेकर अलर्ट है।
वायरस के संक्रमण की थर्मल जांच के दायरे में देश के 20 हवाई अड्डों को और शामिल किया गया है फिलाहाल नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि सहित 7 हवाई अड्डे शामिल थे।
कोरोना वायरस के सामने आने से पहले दुनियाभर में चीन से आने-जाने वालों पर किसी तरह की कोई रोक नहीं थी और न ही सेहत को लेकर कोई पड़ताल की जरूरत ही महसूस की गई, जिसका नतीजा दुनिया के सामने है। डब्ल्यूएचओ की ही एक रिपोर्ट बताती है कि जानवरों के मांस से फैले वायरस की वजह से ही दुनिया में करोड़ों लोग बीमार पड़ते हैं और लाखों मौतें होती हैं।
यह भी सच है कि संक्रमण की 60 फीसदी बीमारियां जानवरों से फैलती हैं। उससे भी बड़ा सच यह कि सैकड़ों तरह का मांस खाने के मामले में चीन दुनिया में सबसे आगे निकलता जा रहा है जिसका नतीजा दिख रहा है। ऐसे में संक्रमण और वायरस अटैक स्वाभाविक है। लेकिन इतनी बड़ी घटना को पचाने की कोशिश से चीन की नीयत पर पूरी दुनिया को शक होने लगा है। एक महाशक्ति की ऐसी हरकत का क्या दुष्परिणाम निकलेगा यह तो वक्त बताएगा..! फिलहाल पूरी दुनिया ताकतवर चीन के सच छुपाने की चोर मानसिकता से हैरान, परेशान जरूर है

तोरणा किला

मराठा साम्राज्य का केंद्र बनेवाला पहला किला तोरणा किला

तोरणा किला प्रचंडगड के नाम से भी जाना जाता है। तोरणा किला एक प्रचंड़ (बडे) स्थित किला है। यह किला पुणे जिले में भारत की राज्य महाराष्ट्र मे है।
यह1643 मे छत्रपति शिवाजी द्वारा 16 वर्ष की आयु में मराठा साम्राज्य के नाभिक का निर्माण करनेवाला पहला किला था। पहाडी की समुद्र तल से ऊँचाई 1403 मीटर पहाड़ी किला है।

किले का एक लंबा इतिहास रहा है।  यह मुस्लिम साम्राज्य के प्रभुत्व में आ गया। लेकिन तोरण को अपना महत्व तब मिला जब 1646 में शिवाजी महाराज ने आदिलशाह पर कब्जा कर लिया। तोरणा पहला शिवाजी महाराज द्वारा कब्जा लिया गया किला था। जब शिवाजी महाराज ने तोरणा किला जीता, तो उन्हें सोने से भरे 22 बर्तन मिले, जो बाद में उन्होंने राजगढ़ किले के  निर्माण को किया गया।
इस किले के बारे में इतिहास में कई बातें लिखी गई हैं। मुझे आपके साथ एक और रोचक तथ्य साझा करते हैं
जब औरंगज़ेब मराठाओं को हराने के लिए महाराष्ट्र आया था, तोरणा एकमात्र किला था जिसे औरंगज़ेब ने एक वास्तविक लड़ाई लड़कर पकड़ा और उसने सरल शब्दों में किले का नाम बदलकर 'फुतुलगीब' रख दिया जिसका अर्थ है "द डिवाइन विक्टरी"।लेकिन उसके चार साल बाद सरनोबत नागोजी ने चढाई कर इस किले को फिर से मराठा के कब्जो मे लिया।

बिनी प्रवेशद्वार
किले का मुख्य प्रवेशद्वार बिनी दरवाजा है।यह एक मुख्य आकर्षण प्रवेशद्वार है।इस किले को हनुमान बसियन कोठी दरवाजा के पूर्वी हिस्से में हनुमान गढ़ नामक एक मजबूत गढ़ है। बिनी दरवाजा की सडक आपको कोठी दरवाज़ा के पास ले जाएगी।

किले के प्रवेश द्वार के पास इक नेगणाई देवी मंदिर है।जिसे तुरनाजी मन्दिर भी कहा जाता है।
किले के बिनी दरवाजा हनुमान बंसीयत कोठी दरवाजा बुदलमाची भेल गढ़ आकर्षन चीजे है।inhistoric1shivaji mharaj torna kila
जय शिवराय